kalamkijuabaanse
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तुम मैहकती हो और खनकती हो शायद हर रात ख्वाब में बस तुम ही होती हो…
मैं तुम्हारा हूँ और तुम हो मेरी बस, चाहत की हर शाम इतना ही कहती हो…
रातें होती है होते सबेरे कई, मगर धुली हर चाँदनी की भोर तुम होती हो…
और जानती हो…
आजीवन होंगे साथ तेरे हम, घेरे आलिंगन बाँहों के जब वाद-ए-वफ़ा हक़ीक़त में तुम साथ हमारे होती हो…
के.के.
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